Hindi and Marathi Shayari and poem

       ज़िंदगी  जो मुझे मिली , हे ईश्वर तेरा शुक्रगुजार  हूँ। 
       रास्ते कठिन हैं ,   मगर फिर  भी   चला  जा रहा  हूँ 
       कितने शिकवे थे ,इस ज़माने से ,चलता जा रहा हूँ  . 
        कितने बच्चे है मासूम उन्हें पढाता जा रहा हूँ।
        उन्ही की किस्मत सवारू ,यही अभिलाषा मन में ला रहा हूँ।

1 comment:

  1. jindagi me kitane bhi utar chadhav ho .jo khud ko sambhala hai ohi sikandar kahlata hai .

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