Hindi and Marathi Shayari and poem
ज़िंदगी जो मुझे मिली , हे ईश्वर तेरा शुक्रगुजार हूँ।
रास्ते कठिन हैं , मगर फिर भी चला जा रहा हूँ
कितने शिकवे थे ,इस ज़माने से ,चलता जा रहा हूँ .
कितने बच्चे है मासूम उन्हें पढाता जा रहा हूँ।
उन्ही की किस्मत सवारू ,यही अभिलाषा मन में ला रहा हूँ।
jindagi me kitane bhi utar chadhav ho .jo khud ko sambhala hai ohi sikandar kahlata hai .
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